साल 2025 म फ़रवरी महीने म कई ोहार और व्रत ह . इनम से कुछ प्रमुख ोहार और व्रत ये रहे:

साल 2025 म फ़रवरी महीने म कई ोहार और व्रत ह . इनम से कुछ प्रमुख ोहार और व्रत ये रहे:

 

  • 1 फ़रवरी को िवनायक चतुथT और वरद चतुथT है
  • 2 फ़रवरी को बसंत पंचमी और सरस्वती पूजा है
  • 4 फ़रवरी को रथ सप्तमी और नम दा जयंती है
  • 5 फ़रवरी को मािसक दुगा ष्टमी है
  • 8 फ़रवरी को जया एकादशी है
  • 9 फ़रवरी को रिव प्रदोष व्रत है
  • 12 फ़रवरी को माघ पूिण मा व्रत, गुरु रिवदास जयंती, कुंभ संक्रांित है
  • 13 फ़रवरी को फा  ुन महीने की शुरुआत होती है
  • 16 फ़रवरी को ि जिप्रय संकष्टी चतुथT है
  • 18 फ़रवरी को यशोदा जयंती है
  • 24 फ़रवरी को िवजया एकादशी व्रत है
  • 25 फ़रवरी को भौम प्रदोष व्रत है
  • 26 फ़रवरी को महािशवराि है
  • 27 फ़रवरी को फा  ुन अमावस्या है

1 मुखी से 14 मुखी रु5ाक्ष तक का महत्व |

1 मुखी रुद्राक्ष आत्मyान, मोक्ष और  ानसाधना के िलए  ेष्ठ है।

2 मुखी रुद्राक्ष वैवािहक जीवन म प्रेम और सामंजस्य के िलए उपयुक्त है।

3 मुखी रुद्राक्ष पुराने पापों के नाश, आत्मिव ास और सफलता प्रािप्त के िलए धारण

िकया जाता है।

4 मुखी रुद्राक्ष बुिद्ध, िशक्षा, स्मरण शिक्त और रचनात्मकता को बढ़ाने के िलए अत्यंत उपयोगी है।

5 मुखी रुद्राक्ष मानिसक शांित, आ  ाित्मक उन्नित और तनाव मुिक्त प्रदान करता है।

6 मुखी रुद्राक्ष आत्मिव ास, नेतृत्व क्षमता और िनण य लेने की शिक्त को बढ़ाता है।

7 मुखी रुद्राक्ष धन, व्यापार, सफलता और शिन दोष िनवारण के िलए उपयोगी है।

8 मुखी रुद्राक्ष बाधाओं को दूर करने, सफलता और समृिद्ध प्राप्त करने के िलए उपयुक्त है।

9 मुखी रुद्राक्ष शत्रुओं से रक्षा, मानिसक शांित, और सकारात्मकता के िलए लाभकारी है।

10 मुखी रुद्राक्ष सभी प्रकार के कष्ट और संकटों से सुरक्षा प्रदान करने वाला है और जीवन म शांित, समृिद्ध और सुख लाता है।

11 मुखी रुद्राक्ष हनुमान जी के प्रतीक के रूप म शारी रक और मानिसक शिक्त प्रदान करता है।

12 मुखी रुद्राक्ष सूय देव का प्रतीक है और शारी रक, मानिसक बल और सफलता प्रदान करता है।

13 मुखी रुद्राक्ष भगवान ी कृष्ण का प्रतीक है और यह आकष ण, लोकिप्रयता और सफलता लाता है।

14 मुखी रुद्राक्ष भगवान िशव का दुल भ रूप है और यह स्वास्थ्य, समृिद्ध और आत्मा की शुिद्ध का प्रतीक है।

 

महािशवराि 2025 का पव´ 26 फरवरी, बुधवार को मनाया जाएगा।

इस िदन िवशेष रूप से भगवान िशव की पूजा और उपवास का महत्व है। महािशवराित्र की पूजा चार प्रहरों म की जाती है, िजनके मुहूत िन ानुसार ह 

राि प्रथम प्रहर पूजा

समय: 26 फरवरी को शाम 6:29 बजे से रात 9:34 बजे तक

राि ि तीय प्रहर पूजा

समय: रात 9:34 बजे से 27 फरवरी को सुबह 12:39 बजे तक

राि तृतीय प्रहर पूजा

समय: 27 फरवरी को सुबह 12:39 बजे से 3:45 बजे तक

राि चतुथ´ प्रहर पूजा

समय: 27 फरवरी को सुबह 3:45 बजे से 6:50 बजे तक इन प्रहरों म पूजा करने से िवशेष लाभ िमलता है।

महािशवराित्र के िदन ब्रह्म मुहूत म उठकर Wान आिद करके सफेद वस्त्र पहन । िफर

िशविलंग का जल, दूध, दही, घी और शहद से अिभषेक कर । बेलपत्र, फूल और बेर अिप त कर । िशव चालीसा का पाठ कर और दीपक जलाएं। इस िदन उपवासी रहकर व्रत का पालन कर और राित्र जागरण कर ।

खग्रास चन्द्रग्रहण

िदनांक 7 िसतंबर 2025 को भारत म खग्रास चन्द्रग्रहण होगा, जो राित्र के समय िदखाई देगा। खग्रास चन्द्रग्रहण का खगोलीय महत्व है, और भारतीय  ोितष के अनुसार इसे

िवशेष रूप से शुभ माना जाता है।

भाद्रपद मास म चन्द्रग्रहण का महत्व

भाद्रपद मास म चन्द्रग्रहण होना अत्यंत शुभ माना जाता है। भारतीय सं  ृित म भाद्रपद मास को िवशेष रूप से समृिद्ध, सौभाग्य और सुिभक्ष का प्रतीक माना जाता है। यह समय प्राकृितक संसाधनों और समृिद्ध के िलए अनुकूल होता है। भाद्रपदके सौख्य सुिभक्ष चका अथ है िक इस समय होने वाला चन्द्रग्रहण सौभाग्य और समृिद्ध का संकेत है।

मंगलगुरू का ित्रकोण (13 िसतंबर 2025)

13 िसतंबर 2025 से मंगल और गुरु ग्रह का ित्रकोण संबंध भारत के िलए बहुत शुभ है। इस  ोितषीय िमलन के प रणामस्वरूप, भारत के िवकास के कायfi को गित िमलेगी।

िवशेष रूप से व्यापा रक, सां  ृितक और आिथ क दृिष्टकोण से भारत के अन्य देशों के साथ मजबूत और लाभकारी समझौते होंगे।

  1. व्यापा रक समझौते अन्य देशों के साथ व्यापा रक और आिथ क संबंधों म वृिद्ध होगी। भारत के व्यापा रक साझेदार बढ़ गे, िजससे देश की अथ व्यवस्था को मजबूती िमलेगी।
  2. राजनैितक संबंधों म सुधार: इस समय कुछ देशों के साथ भारत के राजनैितक संबंधों म भी सुधार देखने को िमलेगा, िजससे देश के वैि क स्तर पर प्रभाव म वृिद्ध होगी।

िद. 28 जनवरी 2025 को मीन रािश म शुक्र का प्रवेश

  ोितषीय दृिष्टकोण से, मीन रािश म शुक्र का प्रवेश शुभ और सुफलदायक माना जाता है। िवशेष रूप से यह समय धन, समृिद्ध, सुख, और संतुलन म वृिद्ध का संकेत है। मीनरािशगते शुक्रे सुिभक्षं प्रचुरं भवेत्। मेिदनी सुख १२ संयुक्ता भिवष्यित न संशयः ।।

इस  ोक का अथ है िक मीन रािश म शुक्र के आने से धरती पर सुख, समृिद्ध और सुिभक्षता (कृिष व भौितक संसाधनों की प्रचुरता) बढ़ेगी। यह समय समाज म सुख और शांित का माहौल बढ़ाने वाला होगा।

  1. सुिभक्षता और सौख्यता: शुक्र मीन रािश म अपने शुभ प्रभाव से सुिभक्षता (कृिष म वृिद्ध) और सौख्यता म वृिद्ध करेगा। यह भारत म समृिद्ध और अ  े आिथ क अवसरों का प्रतीक होगा।
  2. लोकतंत्र की मजबूती: इस प्रभाव से भारत म लोकतंत्र सुदृढ़ होगा और समाज म प्रजा और शासन के बीच सामंजस्यपूण वातावरण बनेगा। लोग अपने अिधकारों और कत व्यों म संतुलन बनाए रख गे।

ि तीया तृतीया ितिथ को शुक्रशिनवार का प्रभाव:

िद. 28 जनवरी को शुक्र और शिनवार का योग ि तीया और तृतीया ितिथ पर बन रहा है, जो पा ात्य देशों और युद्धोƠादी राष्ट ों के िलए अशुभ है। इससे यह संकेत िमलता है िक ऐसे देश जो अंतरराष्ट ीय स्तर पर कुचक्र फैलाने का प्रयास कर गे, वे अपनी योजनाओं म िवफल होंगे।

कुचक्र फैलाने का प्रयास: ऐसे देशों की योजनाएं और प्रयास िजनका उहेश्य िहंसा, युद्ध या अिस्थरता फैलाना हो, वे इस समय म सफल नहीं होंगे। उनके कुचक्र िवफल हो जाएंगे और शांित की ओर बढ़ने का माग प्रशस्त होगा।

िद. 4 फरवरी 2025 को होने वाला िविशष्ट प्रभाव:

िद. 4 फरवरी को शुक्र और अन्य ग्रहों के योग का भारत पर िवशेष प्रभाव पड़ेगा। इस िदन का समय भी सकारात्मक रहेगा और समृिद्ध के साथसाथ शांित की स्थापना होगी।

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