Masik Shivratri

जानें मासिक शिवरात्रि क्या है और मासिक शिवरात्रि व्रत का क्या महत्व है?

हिंदू पंचांग/ कैलेंडर के अनुसार, मासिक शिवरात्रि व्रत हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को पालन किया जाता है । हर महीने की यह तिथि माता पार्वती और भगवान शिव को समर्पित है । इसलिए इस दिन सभी नियमो के अनुसार भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है । मान्यता hai की जो व्यक्ति मासिक शिवरात्रि का व्रत करता है उसे भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है । शिवरात्रि का व्रत रखने से जीवन में सुख- शांति बनी रहती है और संतान प्राप्ति, रोगों इत्यादि से मुक्ति मिलती है ।

मासिक शिवरात्रि प्रत्येक महीने में पड़ने वाली शिवरात्रि मासिक शिवरात्रि कहलाती है । मासिक से तात्पर्य है माह । शिवरात्रि से तात्पर्य है शिव की पूजा से है । हिन्दू धर्म के अनुसार शिवरात्रि वाले दिन भगवान शिव की पूजा का महत्व है । प्रत्येक माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है । मासिक शिवरात्रि के दिन रात्रि पहर में पूजा करने का विशेष महत्व है । यह व्रत रखने से आपके जीवन के  सारे संकट दूर होते हैं । प्रत्येक वर्ष के फाल्गुन माह में पड़ने वाली शिवरात्रि महा शिवरात्रि होती है ।  धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मासिक शिवरात्रि का व्रत रखने से भगवान शिव का आशीर्वाद मिलता है । मासिक शिवरात्रि के दिन पूरे विधि- विधान से पूजा करना और शिव जी के शिवलिंग पर अभिषेक करना शुभ माना जाता है ।

मासिक शिवरात्रि व्रत का महत्व– 

मासिक शिवरात्रि वाले दिन व्रत रखने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं । अपनी कृपा बनाये रखते हैं । इस दिन पूरे विधि विधान से शिव जी का पूजन और व्रत को पूर्ण करना चाहिए । भगवान शिव भक्तों के कष्ट को दूर करते हैं । हिन्दू मान्यता के अनुसार मासिक शिवरात्रि का व्रत रखने से घर में सुख- समृद्धि आती है । रुद्राभिषेक करने से जीवन की समस्याओं से मुक्ति मिलती है । मासिक शिवरात्रि का व्रत रखने से मन की सभी प्रकार की इच्छाएं पूर्ण होती हैं । कहा ये भी जाता है जो कन्याएं अच्छा वर चाहती है, उन्हें शिवरात्रि का व्रत रखना चाहिए । व्रत रखने से अपने मन के अनुसार जीवनसाथी मिलता है । अगर आपके विवाह में रुकावट आ रही हैं तो शिवरात्रि का व्रत जरूर करना चाहिए।

मासिक शिवरात्रि की व्रत कथा– 

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार भगवान शिव मध्य रात्रि को लिंग के रूप में अवतरित हुए थे । भगवान ब्रह्मा और विष्णु जी ने सबसे पहले उनकी पूजा की थी । तब से लेकर अभी तक इस दिन को शिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है । इस दिन भगवान शिव का बड़े धूम धाम से पूजन किया जाता है । हिन्दू शास्त्रों के अनुसार माता लक्ष्मी, पार्वती, सरस्वती, सीता, गायत्री और रति ने अपने जीवन के उद्धार के लिए शिव जी का व्रत किया था । इसके अलावा बहुत सी रानियों और देवियों ने भी शिवरात्रि का व्रत रखा था । कहा ये भी जाता है कि मासिक शिवरात्रि का व्रत रखने से जीवन में शांति का वास होता है । भगवान शिव के आशीर्वाद से व्रत रखने वालों की सारी परेशानियां दूर हो जाती हैं ।

मासिक शिवरात्रि व्रत विधि

  • सुबह स्नान कर घर के मंदिर में दीपक जलाएं ।
  • सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा करें ।
  • गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक करें । यदि गंगा जल न हो तो आप स्वच्छ जल से अभिषेक भी कर सकते हैं ।माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा और आरती करें ।
  • इस दिन भगवान शंकर को कुछ मीठा भोग लगाएं ।

विशेष बातें  मासिक शिवरात्रि के दिन कुछ विशेष नियम का पालन करना चाहिए जैसे – 

  • इस दिन व्यक्ति को अपनी इंद्रियों पर नियंत्रण रखना चाहिए,
  • ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए
  • मन में किसी के प्रति गलत विचार नहीं लाना चाहिए,
  • गाली नहीं देनी चाहिए,
  • मांस और शराब का सेवन नहीं करना चाहिए,
  • झूठ नहीं बोलना चाहिए ।
  • क्रोध नहीं करना चाहिए ।

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